लखनऊ। भारतीय रिजर्व बैंक के एक अध्ययन के अनुसार बुनियादी ढांचे पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपए से सकल घरेलू उत्पाद में करीब 2.5 से तीन रुपए का लाभ होता है। स्वाभाविक है कि जिस राज्य में इसका विकास हो रहा है उसको भी इसका लाभ मिलेगा।
उत्तर प्रदेश विकास के मामले में अपनी क्षमता और मानव संपदा के नाते देश का सर्वोत्तम राज्य बने यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi ) की अपने पहले कार्यकाल से ही मंशा रही है। इसीलिए उनका बुनियादी ढांचे के विकास पर खासा जोर रहा है। वो चाहते हैं कि समुद से न जुड़ा होने (लैंड लॉक्ड) के कारण प्रगति में जो बाधा रही है उसकी भरपाई विश्व स्तरीय कनेक्टिविटी से की जाय। आठ साल में उनके फोकस आधारित काम के नतीजे भी दिखने लगे हैं।
आज उत्तर प्रदेश हर लिहाज से बेहतरीन कनेक्टिविटी वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक रेल नेटवर्क वाले। राज्यों में शुमार है। देश का यह इकलौता राज्य है जहां पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स हैं। लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर और अयोध्या के चार अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स संचालित हैं। एशिया के सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोट से भी शीघ्र ही उड़ानें शुरू हो जाएंगी। इसका सफल ट्रायल हो चुका है। इसके अलावा 16 घरेलू एयरपोर्ट्स संचालित हैं। कुछ पर काम भी चल रहा है। करीब आधे दर्जन पर काम चल रहा है।प्रदेश में छह एक्सप्रेस वे संचालित हैं। सात निर्माणाधीन हैं और कुछ पाइप लाइन में भी हैं। देश का एक मात्र अंतरराज्यीय जल मार्ग प्रयागराज से हल्दिया उत्तर प्रदेश में ही है। इसे अयोध्या तक विस्तारित करने की योजना है। वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल भी देश में इकलौता ही है। पहले रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम का संचालन( दिल्ली, गाजियाबद और मेरठ कॉरिडोर) भी उत्तर प्रदेश में हुआ। ईस्टर्न और वेस्टर्न कॉरिडोर का जंक्शन भी उत्तर प्रदेश में है।
महाकुंभ के दौरान प्रदेश की कैबिनेट बैठक में भी बुनियादी संचरना के बाबत कई घोषणाएं मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi ) ने की थीं। मसलन राज्य राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर वाराणसी एवं विंध्य और प्रयागराज एवं चित्रकूट क्षेत्र का समग्र विकास। गंगा और यमुना पर एक एक नया पुल, गंगा एक्प्रेसवे के विस्तार के क्रम में प्रयागराज से सोनभद्र तक 320 किलोमीटर का एक्सप्रेस वे का निर्माण। इस पर करीब 22400 करोड़ रुपए की लागत आएगी। प्रयागराज से वाराणसी की कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। चंदौली को गाजीपुर से जोड़ने के लिए 7000 करोड़ रुपए की लागत से एक्सप्रेस वे निर्माण का निर्णय लिया गया। इसके अलावा गंगा एक्सप्रेस वे से जेवर को जोड़ने के लिए 76 किलोमीटर लंबा लिंक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण का निर्णय सरकार पहले ही ले चुकी है। इसके बनने से आगरा और प्रयागराज की भी एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से बेहतर हो जाएगी। इनके दोनों किनारों पर वेयर हाउस और लाजिस्टिक्स से संबंधी औद्योगिक इकाइयां भी लगेंगी।
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प्रदेश में हर दिन करीब 9 किलोमीटर सड़कों का निर्माण या सुदृढ़ीकरण हो रहा है। 2017 से अब तक लगभग 270 नदी सेतु, 115 रेलवे ओवरब्रिज, करीब एक दर्जन फ्लाई ओवर का निर्माण योगी सरकार करा चुकी है। कुल 46 मार्ग (करीब 4100 किलोमीटर ) नए मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग और 70 से अधिक (5600 किलोमीटर) नए राज्य मार्ग घोषित हुए।
सुखद और सुरक्षित यात्रा के लिए गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा,नोएडा,लखनऊ, कानपुर आगरा में मेट्रो रेल का संचालन हो रहा। लखनऊ मेट्रो के विस्तार पर भी काम चल रहा है।
हाल में लखनऊ आए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कई ऐसी योजनाओं की घोषणा की जिससे प्रदेश की अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। इसमें वाराणसी से कोलकाता और गोरखपुर से सिलीगुड़ी को जोड़ने की योजना है। इसमें 75000 करोड़ रुपए की लागत आएगी।









