भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत कृषि अधोसंरचना कोष का अधिकाधिक लाभ किसानों को दिलवाया जाएगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान ने आज वीडियो कान्फ्रेंस से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ कृषि अधोसंरचना कोष के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत चर्चा में हिस्सा लिया। श्री तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा आत्मनिर्भर भारत अन्तर्गत कृषि क्षेत्र में अधोसंरचना कोष के संबंध में राज्यों से चर्चा की और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों की समृद्धि के लिउ तैयार प्रकल्प को सफल बनाने आव्हान किया।
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इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की यह अद्भुत योजना है। मध्यप्रदेश सरकार इसके क्रियान्वयन में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसे जमीन पर उतारने की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने ठोस प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं। मध्यप्रदेश के प्रयासों का आज वीडियो कान्फ्रेंस में उल्लेख हुआ। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने मध्यप्रदेश में आत्मनिर्भर वेबिनार के माध्यम से कृषि अधोसंरचना कोष के प्रावधानों का लाभ लेने के लिए की गई अग्रिम पहल को अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की इस वीडियों कान्फ्रेंस में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के दोनों राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी के साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और हिमाचल प्रदेश, गुजरात एवं अन्य प्रांतों के कृषि एवं सहकारिता मंत्री उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री को आश्वस्त किया कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मध्यप्रदेश में सुनियोजित प्रयास होंगे। इस दिशा में कृषि, सहकारिता और उद्यानिकी विभाग की गतिविधियाँ प्रारंभ हो गई हैं। कृषि विभाग की तरफ से राज्यस्तरीय निगरानी समिति और जिलास्तरीय निगरानी समितियों के गठन, कृषक उत्पादक समूह (एफपीओ) को आंदोलन के रूप में विस्तारित करने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि हर विकासखंड से योजना के अंतर्गत कम से कम दो प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सहकारिता विभाग की तरफ से भारत सरकार के उपक्रम नाबार्ड, एनसीवीसी के अधिकारियों को शामिल करते हुए सहकारिता विभाग, अपेक्स बैंक और मार्कफेड के अधिकारियों की दो कमेटियों का गठन किया गया है। निर्धारित मापदंडों के मुताबिक 263 जिलास्तरीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) और 54 विपणन समितियों को चिन्हित कर लिया गया है।