मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के गौरवशाली ग्वालियर शहर की परंपराओं और जीवन मूल्यों को बरकरार रखते हुए आधुनिक तकनीक के जरिए इस शहर के विकास पर पाँच साल में पाँच हजार करोड़ रूपए खर्च किए जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहाँ केन्द्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर ग्वालियर विकास के रोड़मैप की समीक्षा की।
समीक्षा बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि ग्वालियर विकास के रोडमैप को इस प्रकार से मूर्तरूप दें, जिससे अधोसंरचनागत विकास के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा मिले। उद्योग धंधे पनपें और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा हों। साथ ही ग्वालियर स्वच्छ, सुंदर एवं सुनियोजित शहर का रूप ले। शहर के विकास पर पाँच साल में पाँच हजार करोड़ रूपए खर्च किए जायेंगे।
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उन्होंने कहा वेस्टर्न बायपास ग्वालियर शहर के विकास के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस काम को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर समय-सीमा में पूरा कराया जाये। इसके पूरा होने पर रिंग रोड़ की कल्पना साकार होगी। इसका निर्माण इंदौर के सुपर कोरीडोर की तरह किया जाए। पर्यटन को बढ़ावा देने एवं शहर को सभी पर्यटन सर्किट से जोड़ने के लिये जल्द ही मंत्रिपरिषद की पर्यटन उप समिति की बैठक आयोजित होगी। शहर को स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिये गंभीरता से प्रयास हो जिससे स्वच्छता लोगों की आदत बनें।
उन्होंने यहाँ की पेयजल समस्या का चंबल परियोजना से स्थायी निदान होगा। इस दीर्घकालिक परियोजना के साथ-साथ अल्पकालिक योजनाओं को भी मूर्तरूप दिया जाए, शहरवासियों को पानी की कोई दिक्कत नहीं हो। यहाँ जल-जीवन मिशन के तहत हर घर में नल कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि वेस्टर्न बाइपास के आस-पास सुनियोजित एवं सुंदर तरीके से बसाहट कराएँ। उन्होंने मुरार के 6 नं. चौराहे से बड़ागांव क्षेत्र के गाँव के लिये वैकल्पिक मार्ग बनाने का प्रस्ताव किया जाए। इससे लोगों को आर्मी एरिया के भीतर से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा। श्री सिंधिया ने भी रेलवे स्टेशन के उन्नयन , विमानतल का विस्तार, पेयजल योजना और स्मार्ट सिटी के कार्यों के संबंध में कई उपयोगी सुझाव दिए।