नई दिल्ली। युपी, गुजरात और पंजाब जैसे अहम राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हल चल तेज हो गई है। गुजरात और पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने के बाद दूसरे नेता भी अब पाला बदलने लगे हैं. बताया जा रहा है कि, CPI नेता और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, जबकि गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी कांग्रेस का हाथ थामने के लिए तैयार है। जानकारी के मुताबिक, दोनों नेता के कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान 28 सितंबर को किया जा सकता है।
इसी महीने राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट शुरू हो गई थी कि कन्हैया कुमार ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। ये भी कहा गया कि कन्हैया एक नहीं, बल्कि दो बार राहुल से मिले हैं। कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी से किसी भी तरह की मुलाकात की बात को लगातार खारिज किया है।
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बिहार में कांग्रेस के खेवैया बनेंगे कन्हैया
कन्हैया कुमार को 2019 लोकसभा के चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। वो भाकपा के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे थे। बीजेपी के दिग्गज नेता गिरिराज सिंह ने उन्हें बड़े अंतर से हराया था। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अगर वे कांग्रेस का दामन थामते हैं तो ये उनकी राजनीतिक पारी की नई शुरुआत होगी। कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस कन्हैया कुमार के सहारे बिहार में अपनी कमज़ोर होती जमीन को मजबूत करना चाहती है।
जिग्नेश के आने से कांग्रेस को होगा फायदा?
दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश मेवानी गुजरात से निर्दलीय विधायक हैं। कहा जा रहा है कि गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने जिग्नेश को लेकर दिल्ली में बैठे आलकमान से बातचीत की है। पिछले दिनों गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद मेवानी ने कड़ी टिप्पणी की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि, ये इस्तीफा निश्चित रूप से 2022 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए चुनावी अंकगणित को तैयार करने के मकसद से आया है।
बता दें कि इस बार कांग्रेस गुजरात में पूरी ताकत से मैदान में उतरने की तैयारी में है। पिछली बार उन्हें काफी कम अंतर से बीजेपी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।