यूपीपीसीएल फंड घोटाले में जेल में बंद यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को जमानत मिल गई है। हालांकि, एपी मिश्रा को सीबीआई कोर्ट में अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से मिश्रा को जमानत मिली है। इससे पहले एपी मिश्रा ने पिछले साल मई में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था।
इस मामले में सीबीआई ने 5 मार्च 2020 को केस दर्ज किया था. हालांकि, एपी मिश्रा की गिरफ्तारी यूपी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने नवंबर 2019 में ही एपी मिश्रा को गिरफ्तार किया था।
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क्या है मामला?
यूपीपीसीएल के हजारों कर्मचारियों के भविष्य निधि का करोड़ों रुपया बैंक से निकालकर खस्ताहाल कंपनी डीएफएचएल में निवेश कर दिया गया था। योगी सरकार ने इस घोटाले की जांच के लिए पहले एसआईटी गठित की थी। बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था। सीबीआई ने 2020 में 4323 करोड़ रुपये के इस घोटाले में अपनी जांच शुरू की और यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था।
इस मामले में तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, ट्रस्ट सचिव पीके गुप्ता और पूर्व एमडी एपी मिश्र को भी गिरफ्तार किया गया था।