तमाम विरोधों के बाद भी केंद्र सरकार ने किसान संबंधी बिलों को लोकसभा से पास करवा लिया है। विपक्ष और कई साथी दल इसका विरोध कर रहे हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी इस बिल का कड़ा विरोध जताया है।
मायावती ने कहा कि किसान क्या चाहता है, पहले केंद्र सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने संसद में किसानों से जुड़े दो बिल पास होने पर अपनी असहमति जताई है और कहा है कि सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि देश का किसान क्या चाहता है। उन्होंने कहा कि किसानों की शंकाओं को दूर किये बिना बिल पास किये गए हैं और बीएसपी सरकार के इस कदम से सहमत नहीं है।
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मायावती ने ट्वीट कर अपनी असहमति जताई है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही, कल पास कर दिये गये हैं। उससे बी.एस.पी. कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।’
संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही, कल पास कर दिये गये हैं। उससे बी.एस.पी. कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।
— Mayawati (@Mayawati) September 18, 2020
बता दें कि इसी बिल के विरोध में गुरुवार को अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने मोदी कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार भी कर लिया। अकाली दल का कहना है कि ये बिल किसान विरोधी है और वो ऐसी सरकार में नहीं रह सकती है जो ये पास कर रही हो।
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इस बिल को लेकर हरियाणा, यूपी, पंजाब समेत उत्तर भारत के कई किसान सड़कों पर उतरे हैं. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल पहले ही इनका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में तमाम विरोधों के बावजूद केंद्र सरकार अपने बिल से पीछे नहीं हटी और देर रात को लोकसभा से ये बिल पारित हो गया।