मुंबई। फिल्म The Kerala Story पर सियासी घमासान जारी है। जहां बीजेपी शासित राज्य फिल्म को टैक्स फ्री कर रहे हैं, तो वहीं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में फिल्म को बैन कर दिया है। इसी बीच शरद पवार की पार्टी एनसीपी के नेता ने फिल्म को केरल को बदनाम करने वाला बताते हुए The Kerala Story के निर्माता को फांसी देने की मांग की है।
एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा, ”केरल फाइल के नाम पर एक राज्य को बदनाम किया गया और वहां की महिलाओं को भी बदनाम किया गया। आधिकारिक आंकड़ा जो सामने आ रहा है वह 3 का है। तीन को 32000 के रूप में पेश किया गया। इस फिल्म का निर्माता कोई भी हो, उसे सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए।”
The Kerala Story पर विवाद
दरअसल, पिछले हफ्ते The Kerala Story फिल्म रिलीज हुई थी। द केरल स्टोरी का निर्देशन सुदीप्तो सेन ने किया है, जबकि निर्माता विपुल अमृतलाल शाह हैं। फिल्म में उन लड़कियों की कहानी है जो नर्स बनना चाहती थीं। लेकिन ISIS की आतंकी बन गई। फिल्म में धर्म परिवर्तन का मुद्दा उठाया गया है। फिल्म के ट्रेलर में ये दावा किया गया था कि केरल की 32 हजार लड़कियां ऐसी घटना की शिकार हो चुकी हैं।
आतंकवाद की गांठ खोलती है ‘द केरला स्टोरी’
इस फिल्म को लेकर विवाद भी हो रहा है। कुछ लोग फिल्म को बैन करने की मांग भी कर रहे हैं। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने भी फिल्म पर बैन लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने फिल्म निर्माता को 32000 लड़कियों के धर्म परिवर्तन के आंकड़े को हटाने का आदेश दिया था।
क्या है फिल्म की कहानी
‘The Kerala Story’ तीन लड़कियों शालिनी, नीमा और गीतांजलि की कहानी कहती है, जो नर्स बनने के लिए अपने घर से दूर एक कॉलेज जाती हैं। यहां उनकी मुलाकात आसिफा से होती है जो फंडामेंटलिस्ट है। धीरे-धीरे सामने आता है कि आसिफा ISIS के लिए लड़कियों को रिक्रूट करने का काम भी करती है।
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वो अपने साथियों की मदद से तीनों को धर्म बदलने के लिए उकसाने लगती है। तीनों लड़कियों में से शालिनी सबसे पहले आसिफा से प्रभावित होती है। उसे आसिफा के एक दोस्त से प्यार भी हो जाता है और आगे की कहानी इस तरफ घूमती है कि दोनों धर्म बदलकर शादी करने को तैयार हो जाते हैं।