देहरादून : इंडियन मिलिट्री एकेडमी के सैन्य अफसर भी मिलिट्री स्टडीज एंड डिफेंस मैनेजमेंट का डिप्लोमा ले सकेंगे। यह पीजी डिप्लोमा उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय अफसरों को कराया जाएगा। अभी तक यह यूनिवर्सिटी सिर्फ मित्र देशों के कैडेट्स को ही डिप्लोमा देता रहा है। आईएमए की ओर से यूटीयू को मिलिट्री स्टडीज एंड डिफेंस मैनेजमेंट डिप्लोमा का कोर्स सौंपा जा चुका है। विवि की एकेडमिक काउंसिल की बोर्ड ऑफ स्टडीज इस कोर्स का तकनीकी रूप से अध्ययन कर रहा है।
इसमें आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं। अब प्रक्रिया अंतिम चरण में है। दिसंबर के शुरू में एकेडमिक काउंसिल की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें काउंसिल से पाठ्यक्रम को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। विवि के अनुसार, आईएमए के अधिकारी कोर्स जनवरी से शुरू कर सकते हैं।
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यह होगा डिप्लोमा कोर्स का स्वरूप
यूटीयू के बोर्ड ऑफ स्टडीज के को-ऑर्डिनेटर डॉ. निशांत सक्सेना के अनुसार, यह एक साल का पीजी डिप्लोमा कोर्स होगा। डिप्लोमा की क्लास आईएमए परिसर में ही होगी। फैकल्टी भी उन्हीं की होगी। यूटीयू इस डिप्लोमा को विवि से प्रदान करेगा।
इसे भारतीय अफसरों के अलावा मित्र देशों के कैडेट्स भी कर सकेंगे। इसमें मिलिट्री लॉ, साइबर सेफ्टी, जियोग्राफी व कई महत्वपूर्ण विषय होंगे। डॉ. सक्सेना ने कहा कि आईएमए की गोपनीयता के कारण कोर्स के कई संवेदनशील विषय साझा नहीं किए जा सकते हैं।
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यूटीयू आईएमए के अफसरों के लिए एक साल के डिप्लोमा इन मिलिट्री स्टडीज एंड डिफेंस एकेडमी को मान्यता देने जा रहा है। विवि की एकेडमिक काउंसिल से डिप्लोमा कोर्स को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। यूटीयू अभी भी मित्र देशों के कैडेट्स को छह महीने का डिप्लोमा दे रहा है, लेकिन इसमें भारतीय अफसर हिस्सा नहीं ले पाते हैं। अब नए एक साल के पीजी डिप्लोमा में भारतीय अफसर हिस्सा ले सकेंगे। देश के शीर्ष रक्षा संस्थान आईएमए के साथ जुड़ना विवि के लिए गौरव की बात है।