अंतरराष्ट्रीय फादर्स डे के मौके पर इस्कॉन द्वारका ने दिल्ली-एनसीआर के पुरुषों को एक पिता की आध्यात्मिक जिम्मेदारी को सिखा रहा है। संगठन का कहना है कि इससे उनके आत्मविकास का रास्ता तैयार होगा। इस फादर्स डे पर इस्कॉन ने बच्चों से अपने पिता के आध्यात्मिक कल्याण की जिम्मेदारी लेने का संकल्प लेने की उम्मीद की है। इस दिशा में पहल की गई है। पहले कदम के तौर पर इस्कॉन ने बच्चों को अपने पिता के कल्याण के लिए ऑनलाइन आरती बुक करने का विकल्प दिया है। दूसरी पहल के तहत बच्चों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे अपने पिता को डिस्कवर योर परमानेंट हैप्पीनेस (डीवाईपीएच) कोर्स से जोड़ें।
बच्चे इस बात को समझते हैं कि यह कोर्स उनके पिता को स्थायी प्रसन्नता देगा और यह प्रसन्नता पूरे परिवार में संचारित होगी। इस ऑनलाइन कोर्स का संचालन इस्कॉन के वरिष्ठ वक्ता और परामर्शदाता करेंगे। इसमें छह विषय होंगे, जिसमें ईश्वर के अस्तित्व, अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है और दुनिया में कई धर्म क्यों है, जैसे सवालों का हल दिया जाएगा। इस्कॉन के प्रद्युम्न प्रभु ने कहा, ‘इस साल फादर्स डे ऐसे जटिल समय में आया है, जब हम कोरोना महामारी की दूसरी लहर से उबरने में जुटे हैं।
WTC फाइनल मुकाबले के पहले दिन नहीं थमी बारिश, मुकाबला टला
हम जानते हैं कि सभी पिता इस समय अपने बच्चों के लिए सही माहौल बनाने के तनाव से गुजर रहे हैं। बच्चों को महामारी के दंश से बचाना उनका लक्ष्य है। इस्कॉन की इन दोनों पहल से हर पिता को इस मुश्किल वक्त में मजबूती मिलेगी। इस फादर्स डे के मौके पर मैं सभी बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहूंगा कि वे आगे आएं और अपने पिता को डीवाईपीएच से जोड़ें। यह कदम महामारी के कारण फैली नकारात्मकता के बीच आशा की किरण जैसा होगा।’