लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के डीजीपी डी एस चौहान ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने से संबंधित कुछ खास निर्देश जारी किए हैं। अब एक्सीडेंट होने पर घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए जिले की बाध्यता नहीं होगी। डीजीपी ने 112 की सभी पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (PRV) को निर्देश दिया है कि घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जिले की सीमा बाध्यता नहीं होनी चाहिए। घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जाए।
दरअसल इसके जरिए प्रशासन का उद्देश्य है कि सड़क दुर्घटना में पीआरवी द्वारा घायल व्यक्तियों को गोल्डेन ऑवर (Golden Hours) में अस्पताल पहुंचाया जाए और सड़क दुर्घटना में घायलों के बहुमूल्य जीवन को बचाया जाए।
नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के मुताबिक सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के उपचार के लिए पीआरवी पर इवेंट प्राप्त होने के बाद दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को संबंधित जिले के अस्पताल ले जाने के लिए निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि अगर ज्यादा समय लग रहा हो और गोल्डेन ऑवर में चिकित्सा मिलने में देरी हो रही हो, तो ऐसी अवस्था में घायलों को घटना स्थल के निकटतम किसी भी जनपद के स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाकर उनके जीवन की रक्षा की जानी चाहिए। इसमे जनपदीय सीमा की कोई बाध्यता नहीं होगी।
जिले के पुलिस अधिकारियों को दिए गए ये आदेश
इस संबंध में प्रदेश के सभी कमिश्नरेट/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि यूपी-112 के अन्तर्गत संचालित पीआरवी वाहनों को सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को विशेष रूप से गोल्डेन ऑवर के पहले पहर में चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जाए।
अस्पताल तक पहुंचाएगी पुलिस की गाड़ी
इसके लिए जरूरत के हिसाब से पीआरवी खुद घायल को पड़ोसी जिले के नजदीकी जिला अस्पताल में पहुंचाकर आएगी। इससे बहुमूल्य जीवन बचाया जा सकेगा।