कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक (Vinay Pathak) गायब हो गए हैं। उनका मोबाइल स्विच ऑफ है और उनकी लोकेशन भी नहीं मिल रही है। एसटीएफ (STF) ने उन्हें दोबारा ई-मेल करके मोबाइल नंबर, अटेंडेंट का मोबाइल नंबर और लोकेशन भेजने को कहा है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ अब पाठक के खिलाफ लुकआउट नोटिस (Lookout Notice) जारी करने की तैयारी कर रही है।
एसटीएफ पाठक के पासपोर्ट की जानकारी भी जुटा रही है। जांच एजेंसी ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय और छत्रपति शाहू जी महाराज विवि कानपुर के कुलपति कार्यालय को पत्र भेज कर इस संबंध में जानकारी मांगी है। एसटीएफ यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अब तक पाठक ने कितनी विदेश यात्राएं कीं? किन देशों की यात्राएं अधिक रहीं और विदेश यात्राओं का उद्देश्य क्या था? क्या विदेश यात्राएं सरकारी खर्चे पर की गईं? इन सारे सवालों का जवाब तलाशा जा रहा है। एसटीएफ के सूत्रों का कहना है कि सोमवार को ही पासपोर्ट के बारे में जानकारी मिलने के बाद लुकआउट नोटिस जारी किया जाएगा।
पाठक को एसटीएफ ने नोटिस जारी कर 18 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके जवाब में पाठक ने मेल कर एसटीएफ से बीमारी का हवाला देकर 25 नवंबर तक की मोहलत मांगी थी। एसटीएफ ने उन्हें दोबारा मेल कर बीमारी की जानकारी के साथ तीमारदार और उसके मोबाइल नंबर की जानकारी मांगी है, लेकिन पाठक ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
जांच के दौरान सामने आ रहे बड़े घपले
सूत्रों ने बताया एसटीएफ के पास विनय पाठक के अब तक विभिन्न यूनिवर्सिटी में बतौर वीसी उनके कार्यकाल के कारनामों का कच्चा चिट्ठा बड़ी संख्या में लोग भेज रहे हैं। एसटीएफ ने काफी की पड़ताल भी की है, जिसमें खामियां ही खामियां मिली हैं।
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सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ पहले इंदिरानगर में दर्ज मुकदमे में कार्रवाई कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करेगी उसके बाद दूसरे मामलों को भी खोलेगी। इसके लिए नई एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। वहीं सूत्रों का कहना है कि प्रोफेसर विनय पाठक को दिल्ली में कुछ सफेदपोशों का भी संरक्षण हासिल है। उनके खैर-ख्वाह यूपी के साथ-साथ दिल्ली और उत्तराखंड में भी मौजूद हैं।