लखनऊ। उत्तर प्रदेश की अपनी विविधता के नाते देश में बड़ी पहचान है। यूपी निर्यात का हब बने इसके लिए सरकार हर जिले का एक्सपोर्ट एक्शन प्लान तैयार करेगी। यह काम अर्नेस्ट एंड यंग और प्राइसवॉटरकूपर जैसी नामी-गिरामी फर्में कर रही हैं।
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ये कंपिनयां हर जिले के निर्यात की संभावनाओं वाले क्षेत्र की पहचान कर रही हैं। पहचाने गये उत्पादों को दाम और गुणवत्ता में अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप प्रतिस्पद्घी बनाने के लिए यूपी एक्सपोर्ट प्रमोशन ब्यूरो कौशल विकास के कार्यक्रम चलाएगा।
ऐसे उत्पादों के लिए विशेष इकोनमिक जोन (एसईजे) और एक्सपोर्ट पार्क भी बनाए जा सकते हैं। कोविड-19 की वजह से दुनिया के अधिकांश देशों का चीन से मोह भंग हो चुका है। चीन के उत्पादों पर निर्भर रहने वाली बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपिनयां दूसरा विकल्प तलाश रही हैं। नयी निर्यात नीति के जरिए उप्र सरकार अपने लिए इसे एक अवसर के रूप में बदलना चाहती है।
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इस क्रम में उन उत्पादों की पहचान की जा रही है जिनका चीन से अन्य देशों में सर्वाधिक निर्यात होता है। संबंधित उत्पाद की उप्र में उत्पादन क्षमता, संभावनाएं क्या हैं। इन संभावनाओं को कहां तक दोहन हो सकता है, इस सबका पता किया जा रहा है। यही नहीं प्रदेश के निर्यात का मौजूदा स्तर क्या है। किन देशों में किस चीज का निर्यात होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कौन सा देश प्रतिस्पर्धी है और प्रतिस्पर्धा को पूरा करने की क्या संभावित रणनीति होगी। ये सारी चीजें नयी एक्सपोर्ट पलिसी में होंगी।
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लोग निर्यात की संभावना वाले क्षेत्रों को जानें, इसके लिए जागरुकता के भी कार्यक्रम चलाए जाएंगे। प्रस्तावित पॉलिसी में उत्पादों के निर्यात के साथ सेवा क्षेत्र के भी निर्यात पर फोकस होगा। आबादी के लिहाज से उप्र सबसे बड़ा प्रदेश है। यह सर्वाधिक युवाओं वाला प्रदेश भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदा से मानते रहे हैं कि ये युवा हमारे संसाधन हैं।