• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

साइबेरिया के जंगलों में यह कैसा छेद, जो होता जा रहा है 50 मीटर गहरा

Desk by Desk
31/07/2020
in Categorized, Main Slider, अंतर्राष्ट्रीय
0
साइबेरिया के जंगल में छेद

साइबेरिया के जंगल में छेद

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

साइबेरिया के जंगलों में एक बहुत बड़ा छेद है जो पिछले कुछ समय से चर्चा में चल रहा है। यह छेद एक मीटर लंबा और 50 मीटर गहरा है इस छेद को लेकर कई कहानियां और किस्सों भी है। वहीं वैज्ञानिक हैरान हैं कि यह बड़ा क्यों होता जा रहा है।

बाटागाइका क्रेटर के नाम का यह इलाका जो सबसे बड़े क्रेटरों में से एक है। स्थानीय याकुटियन लोग इस नर्क का रास्ता बताते हैं। आधिकारिक तौर परइस मैगास्लम्प या थर्मोकार्स्ट कहा जाता है। यह हमेशा ही जमे रहने वाला इलाका है जिसे पर्माफ्रॉस्ट कहते हैं। यह क्रेटर करीब 650,000 साल पुराना है जो यूरेशिया में सबसे पुराना क्रेटर है। यह दुनिया का दूसरा सबसे पुराना क्रेटर है।

कुशीनगर में पडरौना तहसीलदार सहित 69 नए कोरोना संक्रमित मिले

यह क्रेटर हर साल करीब 20 से 30 मीटर कर चौड़ा होकर खिसक रहा है। ऐसा यहां बर्फ के पिघलने के बाद पानी के बह जाने के बाद होता है।

माना जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन के कराण यह प्रक्रिया और तेज हो रही है। यहां हजारों सालों से बर्फ के नीचे जमे गैस और खनिज के उत्खनन का नतीजा है कि अब और ज्यादा गैस वायुमंडल में निकल रही है।

जर्मनी के साइंटिफिक मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट की क्सेनिया एशास्टीना ने बीबीसी को ने बताया कि यहां की बर्फ पानी में बदलकर, वाष्पीकृत हो जाती है यह बह जाती है। इसकी वजह से बचे हुए अवसाद बर्फ के साथ नहीं रह पाते और नीचे धंस जाते हैं। इसकी वजह से आसमान भूभाग बन जाता है। इसी वजह से यहां ते दक्षिण पश्चिम इसाके में करीब 70 मीटर गहरी खड़ी दीवार बन गई है।

ससेक्स यूनिवर्सिटी के जियोलॉजी के प्रोफेसर जूलियान मुर्टोन ने का मानना है कि यह समस्या 1950 और 60 के दशक में शुरू हुई थी। इस पर्माफ्रॉस्ट में मानवीय गतिविधियों का पिछले 60 सालों में इस इलाके पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

वैज्ञानिक मानते हैं बाटागाइका क्रेटर का अध्ययन इंसान को उसका जानवरों, पेड़ पौधों और पर्यावरण से अन्य गहरे संबंधों के बारे में अहम जानकारी दे सकता है।

Tags: 50 meters deepSiberia's forestsबाटागाइका क्रेटरसाइबेरिया
Previous Post

जौनपुर में फूटा कोरोना बम, 140 नए संक्रमित मिलने से मचा हड़कंप

Next Post

मुंशी प्रेमचंद ने अपने उपन्यास ‘वरदान’ में क्रिकेट मैच की शानदार कमेंट्री सामने आई

Desk

Desk

Related Posts

Azam Khan
Main Slider

मुझे राजनीति छोड़ देनी चाहिए थी, लेकिन अब तो… आजम खान का छलका दर्द

03/10/2025
Idli Chaat
Main Slider

यह डिश नाश्ते में लगा देगी चार चांद, रोज होगी बनाने की डिमांड

03/10/2025
Papankusha Ekadashi
Main Slider

आज रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी व्रत, जानें इसका महत्व

03/10/2025
Panchak
Main Slider

आज से लग रहे है चोर पंचक, गलती से भीं करें ये काम

03/10/2025
Sharad Purnima
Main Slider

कब मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा? जानें पूजा विधि और मुहूर्त

03/10/2025
Next Post
मुंशी प्रेमचंद

मुंशी प्रेमचंद ने अपने उपन्यास ‘वरदान’ में क्रिकेट मैच की शानदार कमेंट्री सामने आई

यह भी पढ़ें

Bridge Collapsed

बिहार में उद्घाटन से पहले नदी में समाया पुल, 12 करोड़ की लागत से हो रहा था तैयार

18/06/2024
Ramadan

रमजान में मदद वितरण कार्यक्रम के दौरान भगदड़, 85 की मौत

20/04/2023
CM Yogi

जनपद के टॉप 10 अपराधियों की सूची थाने में लगाएं,भू-माफिया के खिलाफ करें कड़ी कार्रवाई: सीएम योगी

07/08/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version