गुमला। झारखंड के गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड के कुजाम माइंस खंता-दो में भाकपा माओवादियों ने हमला कर 27 गाड़ियों को जला दिया। करीब 11 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों के साथ मारपीट की गयी।
तीन सुपरवाइजर व एक ड्रील ऑपरेटर को गंभीर चोट लगी है। करीब 50 की संख्या में पहुंचे वर्दीवारी नक्सलियों ने डेढ़ घंटे तक माइंस को घेरे रखा और 40 सुपरवाइजर, ड्रील ऑपरेटर, कर्मचारी, वाहन चालक, खलासी को बंधक बनाकर रखा था। झारखंड के इतिहास में नक्सलियों का किसी माइंस में यह सबसे बड़ा हमला है और इतनी बड़ी संख्या में पहली बार गाड़ियों को जलाया गया है।
नक्सलियों ने माइंस में जगह-जगह पोस्टर भी साटा है। जिसमें कुजाम पुलिस पिकेट बंद करने के इलावा एनकेसीपीएल, बीकेबी, जीओ मैक्स आदि ग्रुपों को भी बंद करते हुए बॉक्साइट के नाम पर पेड़ काटने पर रोक लगाने की चेतावनी दी है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण व माइंस क्षेत्र में विकास करने के लिए कहा गया है।
नक्सलियों ने शुक्रवार की रात 7.30 बजे माइंस पर हमला किया था। इसके बाद पुलिस शनिवार की सुबह 7.30 बजे पहुंची। वह भी मात्र तीन पुलिसकर्मी सादे लिबास पर पहुंचे थे। माइंस के कर्मचारियों ने कहा कि माइंस से पुलिस पिकेट की दूरी महज दो किमी है। पिकेट से माइंस आने में पांच से 10 मिनट लगता है। इसके बाद भी पुलिस द्वारा किसी प्रकार की मदद नहीं दी गयी। वहीं घटना के 12 घंटे बाद पुलिस पहुंची।
नक्सलियों ने सुपरवाइजर रामप्रवेश सिंह, अमृत मिश्रा, मुन्ना पाठक, ड्रील ऑपरेटर साहेब अली सहित एक दर्जन कर्मचारियों को पीटा। माइंस में 40 कर्मचारी थे। नक्सली हमला के बाद कई कर्मचारी छिपते हुए भाग निकले और माइंस के गडढा में जाकर छिप गये थे।
Sulli deal एप का मेन क्रिएटर इंदौर से गिरफ्तार
रामप्रवेश सिंह ने कहा कि डेढ़ घंटे तक नक्सलियों ने बंदूक की नोक पर बंधक बनाकर रखा। इसके बाद चार ड्राम डीजल, मोबिल से सभी 27 गाड़ियों को आग लगा दिया। जबकि माइंस में 50 से अधिक गाड़ी खड़ी थी। कई गाड़ी आंशिक रूप से जली है। वहीं 27 गाड़ी पूरी तरह जल गया है।