बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना वादा दुहराते हुए कहा कि अब राज्य में केवल अनुसूचित जाति-जनजाति एवं अति पिछड़े वर्ग को ही नहीं बल्कि सभी वर्ग के लोगों को रोजगार के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुमार ने दूसरे चरण के चुनाव वाले पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और सारण जिले में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवारों के पक्ष में गुरुवार को आयोजित चुनावी रैली को संबोधित करते कहा कि वह सभी लोगों को रोजगार ऋण योजना का लाभ देंगे, जो अब तक केवल आरक्षित वर्गों को ही दिया जाता था।
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उन्होंने कहा, “इस योजना के तहत पांच लाख रुपये अनुदान और बिना किसी ब्याज के पांच लाख रुपये ऋण यानी 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता नए रोजगार के लिए हमलोग अनुसूचित जाति-जनजाति और अति पिछड़े वर्ग को देते थे लेकिन यह लाभ अब सभी वर्ग के लोगो को दिया जायेगा ताकि नयी और उन्नत तकनीक से रोजगार सृजन हो सके।”
श्री कुमार ने मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एवं प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के 10 लाख नौकरी देने के वादे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने औद्योगिक नीति में बदलाव किया है ताकि अधिक लोगों को काम करने का मौका मिले।
साथ ही रोजगार बढ़ाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। कोई भी देश सभी को सरकारी नौकरी में नहीं रख सकता है बल्कि योजना इस तरह से की जाती है कि हर कोई अपने कौशल के आधार पर नियोजित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश में सभी को सरकारी नौकरी नहीं मिलती है। काम का अवसर सबको मिले इसके लिए काम किया जाता है। उन्होंने राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम लिए बगैर निशाना साधा और कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं की 10 लाख को रोजगार देंगे। 10 लाख को ही क्यों रोजगार दोगे इतने लोगों ने पढ़ाई की है तो एक करोड़ लोगों को दो। दस लाख नौकरी के लिए भी पैसा कहां से आएगा।”
श्री कुमार ने राजद के 15 साल के शासन में कुप्रबंधन के लिए विपक्षी दलों पर हमला बोला और कहा कि सभी जानते हैं कि वर्ष 2005 से पहले पूरे इलाके की स्थिति कितनी विकट थी। कोई भी शाम के बाद अपने घर से निकलने की हिम्मत नहीं करता था। बड़े पैमाने पर अपराध होता था। जब उनकी सरकार बनी तो उनका पहला एजेंडा इस क्षेत्र को अपराध और अपराधियों से छुटकारा दिलवाना था और उस लक्ष्य को हासिल किया है।
मुख्यमंत्री ने पर्यावरण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होने वाली उनकी महत्वाकांक्षी जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत किए गए काम गिनवाए और कहा, “बिहार में जो काम होता है उसे लोग नजरअंदाज करते हैं लेकिन 24 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र ने हमको पर्यावरण में जो काम किया है उसके बारे में जानने को बुलाया। हमने उनको सब जानकारी दी। हमने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के वचन भी उन्हें बताया कि पृथ्वी के पास हर किसी की जरूरत के लिए पर्याप्त संसाधन है लेकिन किसी के लालच के लिए नहीं।”
श्री कुमार ने कहा कि उन्होंने चंपारण में ही सभी स्थानिक योजनाएं शुरू की हैं क्योंकि वह इसे विशेष मानते हैं। चंपारण सत्याग्रह की भूमि बापू की धरती है। उन्होंने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और प्रति व्यक्ति आय में हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। उनकी सरकार ने बिहार के हर घर तक बिजली पहुंचाई है और अब यहां किसी लालटेन की जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में सात निश्चय-एक के कार्यकम को लागू किया गया है, जिसके तहत हर घर में बिजली पहुंचा दी गई है। हर घर में शौचालय निर्माण का काम एवं हर टोले तक संपर्कता का काम लगभग पूरा किया जा चुका है। युवाओं के लिए सभी कार्यक्रम लागू हैं, जिसका लाभ बिहार के युवा उठा रहे हैं। महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा चुका है। अधिकांश घरों में नल का जल पहुंच गया है एवं अधिकांश घरों तक पक्की गली एवं गलियां बन चुकी है। लक्ष्य लगभग पूरा हुआ है और बचे हुए कार्य भी शीघ्र पूरे होंगे।
श्री कुमार ने सात निश्चय-दो के तहत युवा शक्ति-बिहार की प्रगति, सशक्त महिला-सक्षम महिला, हर खेत तक सिंचाई का पानी, स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव, स्वच्छ शहर-विकसित शहर, सुलभ सम्पर्कता और सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा के वादे गिनवाते हुए कहा कि यदि जनता ने मौका दिया तो इन निश्चय को पूरा कर ‘सक्षम बिहार-स्वावलंबी बिहार’ का लक्ष्य अवश्य हासिल किया जाएगा।