कानपुर/कन्नौज। इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) का केस अब नजीर बन गया है। जैन की जमानत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिपोर्टेड जजमेंट दिया है। इसका मतलब ये है कि इसे लॉ की किताबों में पीयूष जैन वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया के नाम से शामिल किया जाएगा। इसे दूसरे मामलों में वकील अपनी दलीलों में शामिल कर सकेंगे।
पूर्व डीजीसी और पीयूष जैन (Piyush Jain) के वकील पीयूष कांत शुक्ला ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट जज सुभाष विद्यार्थी ने अप्रूवल फॉर रिपोर्टिंग (AFR) जजमेंट सुनाया है। पीयूष जैन की जमानत को लेकर कहा कि “किसी भी व्यक्ति की जमानत को इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि उसको जमानत दिए जाने से समाज में विपरीत असर पड़ेगा।” इस फैसले को लॉ बुक्स में शामिल किया जाएगा।
जज ने माना कंपाउंडेबिल ऑफेंस
वकील पीयूष शुक्ला ने बताया कि हाईकोर्ट ने माना है कि धारा-138 के तहत पाया कि ये कंपाउंडेबिल ऑफेंस है। इसका मतलब ये कि इसे जुर्माना लेकर खत्म किया जा सकता है। वहीं DGGI अभी तक ये ही नहीं तय कर पाई है कि पीयूष जैन पर GST चोरी का कितना जुर्माना लगाया जाए। हालांकि पीयूष जैन 2 मई 2022 को 54.90 करोड़ रुपए पहले ही जमा किया जा चुका है।
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पीयूष शुक्ला ने बताया कि हाईकोर्ट में पीयूष जैन (Piyush Jain) के खिलाफ DGGI कोई खास सबूत नहीं पेश नहीं कर पाए। बता दें कि पीयूष को हाईकोर्ट GST चोरी और गोल्ड तस्करी मामले में जमानत मिल चुकी है। दोनों ही मामलों में संबंधित विभाग कोर्ट में मजबूती से अपनी दलीलें नहीं रख पाए। कोर्ट ने माना पीयूष जैन 8 महीने से ज्यादा की सजा काट चुका है जो इस मामले में पर्याप्त है। क्योंकि मिनिमम सजा 6 महीने और मैक्सिमम सजा 5 साल की है।
कहीं नहीं भाग पाएगा पीयूष जैन (Piyush Jain)
हाईकोर्ट में वकीलों ने ये भी दलील कि पासपोर्ट न होने से पीयूष जैन कहीं विदेश भी नहीं भाग सकता है। वहीं जब्त किया गया 197 करोड़ रुपए सरकार के पास है। ऐसे में किसी भी प्रकार का जुर्माना या टैक्स लायबिल्टी उसी रकम से वसूली जा सकती है।
आज जेल से बाहर आएगा पीयूष जैन (Piyush Jain)
करीब 9 महीने बाद पीयूष जैन (Piyush Jain) आज कानपुर जेल से रिहा हो जाएगा। बुधवार को कोर्ट से जेल पहुंचे परवाना में गलती होने की वजह से अब दोबारा स्पेशल सीजेएम कोर्ट से परवाना जेल पहुंचेगा। जिसके बाद पीयूष जैन की रिहाई होगी। बुधवार को अपने पिता को लेने के लिए उसके दोनों बेटे प्रत्युष और प्रयांश कानपुर जेल पहुंचे थे, लेकिन उनको मायूस ही लौटना पड़ा।