• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

रोजाना करें इस चालीसा का पाठ, जीवन से दूर होंगी विघ्न-बाधाएं

Writer D by Writer D
28/08/2025
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
0
ganesh chaturthi

ganesh chaturthi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) हो या फिर रोज़ की सुबह-शाम की पूजा, गणेश चालीसा का पाठ हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और फलदायी माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि श्रीगणेश की चालीसा पढ़ने से विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश चालीसा के पाठ से जुड़े कौन-कौन से चमत्कारी लाभ बताए गए हैं? आइए जानें

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का महत्व

हिंदू शास्त्रों में श्रीगणेश को विघ्नहर्ता और सिद्धिदाता कहा गया है। माना जाता है कि चालीसा के 40 छंदों में भगवान गणपति की महिमा, गुण और उनके आशीर्वाद का वर्णन है। इसे पढ़ने वाला व्यक्ति न केवल मानसिक शांति पाता है, बल्कि उसके जीवन से धीरे-धीरे संकट भी दूर होने लगते हैं।

कब और कैसे करें गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ

प्रातःकाल स्नान के बाद शुद्ध मन से पूर्व दिशा की ओर बैठकर चालीसा का पाठ करें।

श्रीगणेश की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और धूप जलाना शुभ माना जाता है।

मंगलवार और बुधवार को विशेष लाभ मिलता है, जबकि गणेश चतुर्थी पर इसका पाठ अत्यंत फलदायी होता है।

गणेश चालीसा के लाभ

विघ्न-बाधा से मुक्ति चालीसा पाठ से कार्य सिद्धि में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।

धन-समृद्धि घर में लक्ष्मी का वास होता है और कर्ज से मुक्ति मिलती है।

विद्या और बुद्धि की प्राप्ति छात्रों के लिए यह अत्यंत शुभ है, पढ़ाई में मन लगता है।

स्वास्थ्य लाभ मानसिक तनाव और नकारात्मकता कम होती है।

दांपत्य सुख पारिवारिक जीवन में सौहार्द और शांति बनी रहती है।

धार्मिक मान्यता

मान्यता है कि गणेश चालीसा का पाठ करने से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं। यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति किसी काम की शुरुआत से पहले चालीसा पढ़ ले, तो उसका कार्य बिना रुकावट पूरा हो जाता है।

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) 

जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल।

विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥

जय जय जय गणपति राजू। मंगल भरण करण शुभ काजू॥

जय गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायक बुद्धि विधाता॥

वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन। तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥

राजित मणि मुक्तन उर माला। स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं। मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित। चरण पादुका मुनि मन राजित॥

धनि शिवसुवन षडानन भ्राता। गौरी ललन विश्व-विधाता॥

ऋद्धि सिद्धि तव चँवर डुलावे। मूषक वाहन सोहत द्वारे॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी। अति शुचि पावन मंगल कारी॥

एक समय गिरिराज कुमारी। पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा। तब पहुंच्यो तुम धरि द्विज रूपा।

अतिथि जानि कै गौरी सुखारी। बहु विधि सेवा करी तुम्हारी॥

अति प्रसन्न ह्वै तुम वर दीन्हा। मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥

मिलहि पुत्र तुहि बुद्धि विशाला। बिना गर्भ धारण यहि काला॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना। पूजित प्रथम रूप भगवाना॥

अस कहि अन्तर्धान रूप ह्वै। पलना पर बालक स्वरूप ह्वै॥

बनि शिशु रुदन जबहि तुम ठाना। लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना॥

सकल मगन सुख मंगल गावहिं। नभ ते सुरन सुमन वर्षावहिं॥

शम्भु उमा बहुदान लुटावहिं। सुर मुनि जन सुत देखन आवहिं॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा। देखन भी आए शनि राजा॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं। बालक देखन चाहत नाहीं॥

गिरजा कछु मन भेद बढ़ायो। उत्सव मोर न शनि तुहि भायो॥

कहन लगे शनि मन सकुचाई। का करिहौ शिशु मोहि दिखाई॥

नहिं विश्वास उमा कर भयऊ। शनि सों बालक देखन कह्यऊ॥

पड़तहिं शनि दृग कोण प्रकाशा। बालक शिर उड़ि गयो आकाशा॥

गिरजा गिरीं विकल ह्वै धरणी। सो दुख दशा गयो नहिं वरणी॥

हाहाकार मच्यो कैलाशा। शनि कीन्ह्यों लखि सुत को नाशा॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधाए। काटि चक्र सो गज शिर लाए॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो। प्राण मन्त्र पढ़ शंकर डारयो॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे। प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वर दीन्हे॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा। पृथ्वी की प्रदक्षिणा लीन्हा॥

चले षडानन भरमि भुलाई। रची बैठ तुम बुद्धि उपाई॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें। तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥

धनि गणेश कहि शिव हिय हरषे। नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई। शेष सहस मुख सकै न गाई॥

मैं मति हीन मलीन दुखारी। करहुँ कौन बिधि विनय तुम्हारी॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा। लख प्रयाग ककरा दुर्वासा॥

अब प्रभु दया दीन पर कीजै। अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै॥

दोहा

श्री गणेश यह चालीसा पाठ करें धर ध्यान।

नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥

सम्वत् अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश।

पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥

Tags: ganesh chalisaganesh chaturthiGanesh Utsav
Previous Post

इस तरह के पुरुषों को डेट करना हो सकता है खतरनाक, जानिए इनके बारें में

Next Post

संतान की सुख-समृद्धि के लिए स्कंद षष्ठी व्रत आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

Writer D

Writer D

Related Posts

Ram Temple
Main Slider

अयोध्या तैयार: 25 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी फहराएंगे राम मंदिर के सातों शिखरों पर भगवा ध्वज

09/11/2025
CM Dhami
Main Slider

विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड” के मंत्र पर चल रहा उत्तराखंड – मुख्यमंत्री

09/11/2025
PM Modi
Main Slider

आप सबू तई म्यारू नमस्कार… पहाड़ी बोली, पहाड़ी टोपी, पीएम का हर अंदाज पहाड़ी

09/11/2025
CM Yogi
Main Slider

कलंकित व काले अतीत के लोग विश्वास लायक नहींः सीएम योगी

09/11/2025
UP Ats arrested farhan nabi siddiqui from noida
उत्तर प्रदेश

UP ATS की बड़ी कार्रवाई: घुसपैठियों को छिपाने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार, 11 करोड़ की विदेशी फंडिंग उजागर

09/11/2025
Next Post
Skanda Shashthi

संतान की सुख-समृद्धि के लिए स्कंद षष्ठी व्रत आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

यह भी पढ़ें

Shabnam Case

फोटो वायरल होने पर शबनम को भेजा बरेली जेल, दो बन्दी रक्षक निलंबित

02/03/2021
dead body

मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्ग की नहर में गिरकर मौत

20/02/2021
Ultrasound

योगी सरकार ने 14 लाख गर्भवती महिलाओं को दी निजी केंद्रों पर फ्री अल्ट्रासाउंड की सौगात

11/11/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version